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Friday 16 November 2012

बेहतर है भूल जाना
छू  लेना आसमां ,
गर उड़ना ही होता
तो पंख मिले होते,
पत्थर के दिलों में
जरा भी नमीं होती,
 तो हर बाग़ में
 पत्थर के फूल खिले होते।


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