नाव किनारे पर खड़ी करके चले आआे,
कुछ पल तसल्ली से लहरों को गिना जाए,
डूबती उतराती और खो जाती किनारों पर,
मौत से पहले हंसती हुई लहरों सा जिया जाए......
अनिल कुमार सिंह.
कुछ पल तसल्ली से लहरों को गिना जाए,
डूबती उतराती और खो जाती किनारों पर,
मौत से पहले हंसती हुई लहरों सा जिया जाए......
अनिल कुमार सिंह.
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