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Wednesday, 3 June 2015

जमीं की बात

फटे आसमानों को
सिलने का हुनर
सीखें भी तो कैसे ,
बिन पंखों के
उड़ने का सबक
सीखें भी तो कैसे ,
जमीं पर रहते हैं ,
जमीं की लिखते हैं ,
चाँद तारों की बातें
करें भी तो कैसे ????

अनिल

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