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Sunday, 13 March 2016

मैं इश्क हूँ

मैं इश्क हूँ, हवाओं में बसर करता हूं,
सांस के साथ ही सीने में उतर जाऊंगा....
मैं बादलों के साथ,आसमां में बहता हूँ ,
तुम जहां मुझको पुकारोगे बरस जाऊंगा ...
बनके खुशबू तुम्हारे आस पास रहता हूँ,
तुम जरा पास बुला लो तो बिखर जाऊंगा.....
अनिल..

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