गिर न जाए वो कहीं जीवन डगर से ,
भागते देखा जिसे अपने ही घर से ,
यह सोच कर ,वो लौट के न आएगी ,
कि गिर चुकी है अब वो दुनियाँ की नज़र से ,
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भागते देखा जिसे अपने ही घर से ,
यह सोच कर ,वो लौट के न आएगी ,
कि गिर चुकी है अब वो दुनियाँ की नज़र से ,
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आज के अखबार में ये छपा है
एक पिता ने अपनी पुत्री का वध किया है ......
अनिल
एक पिता ने अपनी पुत्री का वध किया है ......
अनिल
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