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Saturday, 4 July 2015

आ आ कर सताना ही हो, तो आना नहीं ,
जिंदगी हमने ,तुझे ठीक से जाना नहीं ,
जख्म ये तेरे हमें ,बार बार परखते हैं ,
हम हैं कि, तुझे हरदम सीने से लगाये रहते हैं......
अनिल

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