daideeptya
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Wednesday, 26 August 2015
प्यार एक लम्हा नहीं बिताने को
अपने आगोश में चाँदनी को लेकर ,
थरथरा कर क्यों पिघलता है बादल ,
आवारगी इस नेह के काबिल नहीं है ,
एक क्षण के प्यार में होता है घायल.....
प्यार एक लम्हा नहीं बिताने को ,
एक उम्र बीत जाती है निभाने को........
अनिल
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