मचा बवाल ,
कुछ कर कमाल,
ज़ोर शोर से झूठ बोल,
सिलवा ले खद्दर का खोल
तुझे नेता बनना........
कुछ कर कमाल,
ज़ोर शोर से झूठ बोल,
सिलवा ले खद्दर का खोल
तुझे नेता बनना........
बेजह नाच
कर भीड़ बढ़ा
भले आँगन टेढ़ा ,
दो चार मरें
या दबे कुचले ,
क्या बिगड़े तेरा ,
बस घड़ियाली आँसू को बहा ,
तुझे नेता बनना .......
जेल बेल
सत्ता के खेल
इनसे नहीं डरना ,
गर मिले मुफ्त में
गाली भी
तो ले लेना ,
रख स्याही ,
थप्पड़ की भी आस ,
तुझे नेता बनना .........
अनिल कुमार सिंह
कर भीड़ बढ़ा
भले आँगन टेढ़ा ,
दो चार मरें
या दबे कुचले ,
क्या बिगड़े तेरा ,
बस घड़ियाली आँसू को बहा ,
तुझे नेता बनना .......
जेल बेल
सत्ता के खेल
इनसे नहीं डरना ,
गर मिले मुफ्त में
गाली भी
तो ले लेना ,
रख स्याही ,
थप्पड़ की भी आस ,
तुझे नेता बनना .........
अनिल कुमार सिंह
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