ख्वाबों के बिखरे आशियाने में,
तेरी तस्वीर बचाए रखी है.....
हम तो कब से तेरे दीवानें हैं,
ये बात तुझसे छिपाए रखी है.....
है यकीं खुद ही चले आओगे,
आस दिल में बनाए रखी है....
अनिल
जो फूल राहों में सजाए थे कभी, तुम्हारे इंतजार में सूख गये, है यकीं ये फिर से मुस्करा देंगे, इक बार चले आआे....
मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की कसम....
अनिल
तेरी तस्वीर बचाए रखी है.....
हम तो कब से तेरे दीवानें हैं,
ये बात तुझसे छिपाए रखी है.....
है यकीं खुद ही चले आओगे,
आस दिल में बनाए रखी है....
अनिल
जो फूल राहों में सजाए थे कभी, तुम्हारे इंतजार में सूख गये, है यकीं ये फिर से मुस्करा देंगे, इक बार चले आआे....
मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की कसम....
अनिल
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