Search This Blog

Sunday, 31 July 2016

अमलतास

मदहोश हुये जाते हैं ,
अमलतास के फूल,
नर्म हवाओं की बाहों में ,
रिमझिम की धुन पर
थिरकते थिरकते
बिखरे हैं ज़मीं पर,
बूंदों से लिपट कर,

एक नशा है मुहब्बत ,
जान ले लेता है ..................
anil

No comments:

Post a Comment