जो महकती थी मेरे साथ हमकदम बनकर,
अब वो खुशबू मेरे साथ नहीं चलती है,
बस यही बात मेरे रास्तों को ख़लती है...
तेरा मिलना भी इक उम्र के लिए तो न था,
इसी तसल्ली से तेरी याद आँख मलती है....
अब वो खुशबू मेरे साथ नहीं चलती है,
बस यही बात मेरे रास्तों को ख़लती है...
तेरा मिलना भी इक उम्र के लिए तो न था,
इसी तसल्ली से तेरी याद आँख मलती है....
तूं मेरी रूह में शामिल है मुहब्बत की तरह ,
हाँ तुझे देखने को प्यास मेरी जलती है...
अब वो खुशबू मेरे साथ नहीं चलती है,
बस यही बात मेरे रास्तों को ख़लती है.......
अनिल
हाँ तुझे देखने को प्यास मेरी जलती है...
अब वो खुशबू मेरे साथ नहीं चलती है,
बस यही बात मेरे रास्तों को ख़लती है.......
अनिल
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