एक बात आज तक
समझ में नहीं आई,,
क्या लाला लाजपत राय ने,
सिर पर मालिश थी करवाई,
या जलियांवाला बाग में
बजी थी हर्ष बधाई,
अगिनित वीरों ने देशहित,
क्या मुफ्त में जान गंवाई,
कितना खून बहा तब जाकर,
आजादी थी पाई ,
फिर समझा दो कैसे आजादी,
अहिंसा से आई......
बहुत बलिदान हुआ था भाई.....
समझ में नहीं आई,,
क्या लाला लाजपत राय ने,
सिर पर मालिश थी करवाई,
या जलियांवाला बाग में
बजी थी हर्ष बधाई,
अगिनित वीरों ने देशहित,
क्या मुफ्त में जान गंवाई,
कितना खून बहा तब जाकर,
आजादी थी पाई ,
फिर समझा दो कैसे आजादी,
अहिंसा से आई......
बहुत बलिदान हुआ था भाई.....
अनिल
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